जानें कैसे होता है ब्लड कैंसर, क्या हैं इसके लक्षण?

जानें कैसे होता है ब्लड कैंसर, क्या हैं इसके लक्षण?

सेहतराग टीम

आज के समय में कई तरह के रोग हमारे आस-पास फैल रहा हैं। उनमें से सबसे ज्यादा खतरनाक कैंसर माना जाता है। क्योंकि ये कई प्रकार के होते हैं और अगर इसका सही समय पर इलाज ना हो तो ये जानलेवा भी हो जाता है। वैसे तो सभी कैंसर जानलेवा होते हैं लेकिन ब्लड कैंसर कुछ ज्यादा ही खतरनाक होता है। क्योंकि ये रक्त कोशिकाओं पर सीधे आक्रमण करता है।

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हर साल लगभग 75 लाख लोगों की मौत का कारण ब्लड कैंसर है। आमतौर पर ब्लड कैंसर के लक्षण बहुत धीरे-धीरे सामने आते हैं इसलिए इसे शुरूआती स्टेज में पहचानना मुश्किल होता है। युवाओं और अधेड़ उम्र के लोगों के साथ-साथ पिछले कुछ सालों में बच्चों में भी ब्लड कैंसर के मामले काफी बढ़ गए हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि ब्लड कैंसर का इलाज संभव नहीं है मगर यदि सही समय पर इसके लक्षणों को पहचानकर इलाज शुरू किया जाए, तो ब्लड कैंसर का इलाज संभव है।

कैसे होता है ब्लड कैंसर (How to Blood Cancer Occur in Hindi):

  • अगर किसी व्यक्ति के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो उसे ब्लड कैंसर हो सकता है।
  • किसी अन्य प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रेडिएशन थेरेपी की हाई डोज से ब्लड कैंसर हो सकता है।
  • आमतौर पर ब्लड कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं। ल्यूकीमिया सबसे आम ब्लड कैंसर है। ल्यूकीमिया होने पर कैंसर के सेल्स शरीर के रक्त बनाने की प्रक्रिया में दखल देने लगते हैं। ल्यूकीमिया रक्त के साथ-साथ अस्थि मज्जा (बोन मैरो) पर भी हमला कर देता है।
  • एचआईवी व एड्स जैसे संक्रमण होने से इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है जिससे ब्लड कैंसर का खतरा हो सकता है।
  • किसी विशेष प्रकार के संक्रमण से ग्रसित होने पर ब्लड कैंसर होने की संभावना हो सकती है।

ब्लड कैंसर के क्या हैं लक्षण (What are the Symptoms of Blood Cancer in Hindi):

  • असामान्य सफेद रक्त कोशिकाएं लिवर में जमा होने से एकत्र हो जाती हैं जिससे पेट में सूजन और अन्य समस्याएं हो जाती है। इस तरह की सूजन से आपकी भूख भी कम हो सकती है। थोड़ा सा खाने पर ही आपका पेट भरा लगने लगता है। ऐसे में आपको डॉक्‍टर से जरूर संपर्क करना चाहिये।
  • दौरा पड़ना या किसी चीज के होने का बार-बार भ्रम होना। यानी कई बार रोगी मानसिक रूप से परेशान रहने लगता है।
  • रक्त कैंसर से ग्रस्त व्यक्ति बार-बार संक्रमण की चपेट में आ जाता है। जब शरीर में ल्यूकीमिया के सेल विकसित होते हैं तो रोगी के मुंह, गले, त्वचा, फेफड़ो आदि में संक्रमण की शिकायत देखी जा सकती है।
  • जिन लोगों को कैंसर होता है उनका वजन असामान्य रूप से कम होने लगता है। अगर बिना किसी प्रयास के शरीर का वजन ज्यादा कम हो जाये तो इसे कैंसर का प्राथमिक लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।
  • शरीर में ल्यूकीमिया सेल्स का असामान्य निर्माण अस्थि मज्जा को स्वस्थ रक्त कोशिकाओं को बनाने से रोकता है जैसे प्लेटलेट्स। इसकी कमी के कारण रोगी के नाक से, मासिक धर्म के दौरान, मसूड़ों आदि से ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या देखी जा सकती है।
  • ब्लड कैंसर के ज्यादातर मामलों में रोगी को थकान और कमजोरी महसूस होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रक्त में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्य कम होने लगती है जिससे व्यक्ति में खून की कमी हो जाती है।
  • हड्डियों और जोड़ों में दर्द होना सिर्फ अर्थराइटिस ही नहीं रक्त कैंसर का भी लक्षण हो सकता है। रक्त कैंसर अस्थि मज्जा में होने वाला रोगा है जो कि हड्डियों और जोड़ों के आसापास ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
  • अकसर सिरदर्द की शिकायत होना। या फिर माइग्रेन की शिकायत होना।
  • पक्षाघात यानी स्ट्रोक होना।
  • उल्टियां आने का अहसास होना या असमय उल्टियां होना।
  • त्वचा में जगह-जगह रैशेज की शिकायत होना।
  • बुखार कैंसर का एक सामान्य लक्षण होता है। कैंसर मरीज की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, इसलिए मरीज को अक्सर बुखार रहने लगता है। ब्लड कैंसर, ल्यूकीमिया इत्यादि में अक्सर बुखार के लक्षण नजर आते हैं।
  • जबड़ों में सूजन आना या फिर रक्‍त का बहना।
  • किसी घाव या जख्म के भरने में अधिक समय लगना।

 

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